Tuesday, March 19, 2024
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया और सीएम धामी ने किया 500 बेड के नए ब्लॉक का शिलान्यास

देहरादूनः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल देहरादून में 500 बेड के नए ब्लॉक का शिलान्यास किया. इसके अलावा उन्होंने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में सीसीबी (क्रिटिकल केयर ब्लॉक), रुद्रप्रयाग सीसीबी और नैनीताल सीसीबी का उद्घाटन किया. हालांकि, इसका उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को देहरादून से करना था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से जोशीमठ से ही मांडविया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चारों परियोजनाओं का शिलान्यास किया.बता दें कि, लगभग ₹182 करोड़ की लागत से इन चारों परियोजनाएं का निर्माण कार्य होगा. इसमें ₹124.10 करोड़ की लागत से दून मेडिकल कॉलेज में 500 बेड के नवीन ब्लॉक का निर्माण, रुद्रप्रयाग में ₹20.38 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में ₹18.80 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण व हल्द्वानी (नैनीताल) में ₹19.48 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण कार्य शामिल है.

मांडविया ने उत्तराखंड दौरे का अनुभव बताया:

जोशीमठ से कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि उत्तराखंड विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. यदि राज्य सरकार केंद्र द्वारा दिए लक्ष्य को हासिल कर लेती है, तो राज्य को धन की कोई कमी न हो, इसका हमारा प्रयास रहता है. मांडविया ने बताया कि वो दो दिन से उत्तराखंड में हैं. यहां उन्होंने नीति एवं मलारी गांव में भ्रमण के दौरान इन गांवों में जनता के साथ संवाद किया. मलारी गांव के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की कम्यूनिटी हेथ ऑफिसर ने उनको बताया कि यहां बड़े अस्पताल नहीं हैं, फिर भी यहां बड़े डॉक्टर की सुविधा मिलती है.हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स से बड़ा लाभ मिला: मांडविया ने बताया कि, राज्य सरकार ने प्रदेश में 2 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित किए हैं. इन सेंटर्स पर दक्ष कम्यूनिटी हेथ ऑफिसर रहते हैं. जब गांवों से मरीज यहां आते हैं, तो भारत सरकार के ई-संजीवनी प्लेटफार्म के द्वारा हम टेलीकन्सल्टेंट से डिस्ट्रिक के हॉस्पिटल से जुड़ जाते हैं. जब मरीज के चेकअप की आवश्यकता लगती है तो उसे कहीं और भेजने के बजाय ई-संजीवनी के माध्यम से सीनियर डॉक्टर या एक्सपर्ट से टेलीकन्सल्टेंट करते हैं. स्पेशलिस्ट डॉक्टर मरीज से भी बात करते हैं. मरीज के इलाज के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर से जो भी निर्देश मिलता है, इसके हिसाब से इलाज करते हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गांव में काम करने वाले किसान व गरीब लोग जब इलाज के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जाते हैं तो स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सलाह उनको मिल जाती है इसलिए उन्हें जिला अस्पताल या अन्य अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती. उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति का सूत्रपात किया है. केंद्र सरकार ने राज्य में जन स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने का काम किया है. पहले के समय में योजनाएं सिर्फ कुछ लोगों के लिए बनती थी, लेकिन आज योजनाएं जनता के लिए बन रही हैं.मांडविया ने आगे बताया कि, देश में 1 लाख 56 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर मुफ्त इलाज हो रहा है. देश में टर्सरी हेल्थ केयर, सेकेंडरी हेल्थ केयर एवं प्राइमरी हेल्थ केयर को सुनिश्चित करने के लिए हेल्थ इंफ्रास्टक्चर खड़ा करने की जरूरत होती है, इसलिए देश में आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्टक्चर मिशन चलाया गया है. देश में क्रिटिकल हेल्थ केयर के लिए ₹64 हजार करोड़ 5 साल में खर्च किए जाएंगे. एक जनपद में औसतन ₹100 करोड़ हेल्थ इंफ्रास्टक्चर के लिए खर्च किया जा रहा है.सबसे

पहले टीबी मुक्त हो उत्तराखंड
केंद्रीय मंत्री ने ट्यूबरक्लोसिस बीमारी पर भी बात की. उन्होंने इस बात की खुशी जताई कि उत्तराखंड में टीबी के जितने भी मरीज हैं, उनको किसी न किसी ने गोद लिया है. मंत्री ने कहा कि, उनको धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार पर भरोसा है कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बने जो सबसे पहले टीबी मुक्त हो और इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा पूरी मदद दी जाएगी.मुख्यमंत्री ने सरकार के चार प्रमुख मोर्चों पर बात की: वहीं, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि, प्रदेश में चार मोर्चों पर काम करने के लिए सरकार रणनीति बना रही है. पहला मोर्चा ह बीमारियों को रोकने के लिए जन-जागरुकता, दूसरा मोर्चा है- गरीबों को सस्ता और प्रभावी इलाज देना, तीसरा मोर्चा है- हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की क्वांटिटी और क्वालिटी में बढ़ोतरी करना और चौथा मोर्चा है- समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड पर काम करना. सीएम ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा बच्चों के संपूर्ण वेक्सीनेशन के लिए मिशन इंद्रधनुष योजना, आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जैसी योजनाओं का विस्तार प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों तक करने का प्रयास किया गया है.मुख्यमंत्री ने कहा कि, भारत की दवाओं और वैक्सीन के साथ-साथ हमारे मसालों और हमारे काढ़े का भी वेलनेस के क्षेत्र में बड़ा योगदान है, ये दुनिया ने कोरोना काल में अनुभव किया. योग, प्राणायाम,आयुर्वेद सहित भारत के जड़ी-बूटी ज्ञान ने विश्व को चमत्कृत किया, इसलिए राज्य सरकार ने प्रदेश में योग व आयुर्वेद को बढ़ावा देने के साथ-साथ ‘मेडिसनल प्लांट’ की खेती पर भी ध्यान दिया है. राज्य सरकार ने प्रदेश में ‘निःशुल्क जांच योजना’ जैसी एक प्रमुख योजना भी शुरू की है, जिसके तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा मिल रही है. इसके साथ ही ‘किफायती स्वास्थ्य सेवा’ पर ध्यान केंद्रित करने से वंचित व मध्यम वर्ग को काफी लाभ होता है.

वहीं, कार्यक्रम में मौजूद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि-
स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 5 सालों में जितने काम हो सकते थे उनको धरातल पर उतारने का काम किया गया है.केंद्र सरकार से राज्य को एक लाख 24 हजार लोगों से ब्लड डोनेशन कराने का लक्ष्य दिया गया था जबकि राज्य में उससे अधिक एक लाख 67 हजार लोगों ने ब्लड डोनेशन किया है.देश का पहला ऐसा राज्य उत्तराखंड है जिसने सबसे ज्यादा ब्लड डोनेशन किया है. इसके साथ ही ई-रक्तकोश में 80 हजार लोगों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन कर लिया है.देश में केंद्र की ओर से आयुष्मान भारत योजना लॉन्च हुई. इसी के साथ उत्तराखंड प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना लॉन्च की गई. राज्य में अभी तक 50 लाख 24 हजार अटल आयुषमन कार्ड बनाये जा चुके हैं और 7 लाख से ज्यादा लोगों का इस योजना के तहत लाभ ले चुके हैं, जिसमें ₹1300 करोड़ से अधिक खर्च हो चुका है.उत्तराखंड में अब आयुष्मान कार्ड में ही किडनी ट्रांसप्लांट कवर भी दिया गया है.उत्तराखंड में 91 फीसदी संस्थागत डिलीवरी हो रही है.प्रदेश में सरकार ने ईजा-बोई योजना शुरू की है, जिसमें गर्भवती महिलाओं को ₹2000 पौष्टिक आहार के लिए दिया जाएगा.राज्य में 32 लाख लोगों की आभा आईडी बनकर तैयार हो चुकी है.

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