मुंबई. महाराष्ट्र के ठाणे जिले के डोंबिवली में पांच इमारतों वाला एक आवासीय परिसर पूरी तरह से खाली कराया गया है. इमारत में दरारें (Cracked Pillars) आ गई हैं और छत गिरने (Loose slabs) लगा है. फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने कहा कि 4 मार्च को दरारें देखी गईं, जिसके बाद संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचे. इन इमारतों में 250 परिवार रहते थे. अधिकारी के मुताबिक, शनिवार रात को दरारें नजर आईं. इसके बाद फायर ब्रिगेड, पुलिस और नगरनिगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे.
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार सिविक सब फायर ऑफिसर नामदेव चौधरी ने बताया कि ‘इन इमारतों को साल 1998 में बनाया गया था. यह कल्याण डोंबिवली नगर निगम द्वारा बनाए गए खतरनाक इमारतों की सूची में नहीं है. इन इमारतों का एक बार फिर निरीक्षण किया जाएगा, इसके बाद आगे का कदम उठाया जाएगा.’ गौर करने वाली बात यह है कि लोगों के रहने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं की गई है.
जोशीमठ की दिलाई याद
चौधरी ने आगे कहा कि किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है, और जिन परिवारों का घर खाली करा दिया गया है, वह अपने लिए वैक्ल्पिक घर ढूंढ रहे हैं. मालूम हो कि यह घटना जोशीमठ संकट जैसा ही है. जिसने सैकड़ों परिवारों को उत्तराखंड शहर में घरों, होटलों और सड़क पर विकसित दरारों के रूप में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया. कस्बे के नौ वार्डों के 700 से अधिक घरों की छत, दीवार और फर्श में दरारें आ गई थी. साथ ही कई घरों में बीम भी उखड़ गए थे.
गौरतलब है कि जोशीमठ में पहली दरार कथित तौर पर अक्टूबर 2021 के महीने में दिखाई दी लेकिन प्रशासन आवश्यक कदम उठाने में विफल रहा. इसके परिणामस्वरूप, स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई और जनवरी के महीने में, जोशीमठ के भीतर अपेक्षाकृत सुरक्षित स्थानों पर लगभग 145 परिवारों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करना पड़ा.