Friday, June 2, 2023
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एनसीपी चीफ शरद पवार से गौतम अडानी ने की मुलाकात, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुद्दे पर मिला था समर्थन

मुंबई: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने एनसीपी चीफ और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार से मुलाकात की है. अडानी ने पवार से ये मुलाकात मुंबई में उनके आवास सिल्वर ओक में की. यह मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई, जब हाल ही में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुद्दे पर शरद पवार ने अडानी का समर्थन किया था.

क्या है हिंडनबर्ग-अडानी मुद्दा?
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने पिछले दिनों गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया.

इस रिपोर्ट की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया था. इस कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस एएम सप्रे कर रहे हैं. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि SEBI इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

विपक्ष अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की कर रही मांग
अडानी के मुद्दे पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है. बजट सत्र में भी अडानी मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ था. सदन में 19 विपक्षी पार्टियों ने अडानी के मुद्दे पर जेपीसी की मांग करते हुए मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. राहुल गांधी भी लगातार सदन के अंदर और बाहर से इस मुद्दे पर सरकार को घेरते नजर आए. लेकिन शरद पवार ने इस मुद्दे पर अलग स्टैंड लिया.

शरद पवार ने अडानी का किया था सपोर्ट
शरद पवार ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में हिंडनबर्ग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा, ”इस शख्स ने पहले भी ऐसे बयान दिए थे और तब भी सदन में कुछ दिन हंगामा हुआ था. लेकिन इस बार जरूरत से ज्यादा तवज्जो इस मुद्दे को दे दी गई है. वैसे भी जो रिपोर्ट आई, उसमें दिए बयान किसने दिए, उसका क्या बैकग्राउंड है. जब वो लोग ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनसे देश में बवाल खड़ा हो, इसका असर तो हमारी अर्थव्यवस्था पर ही पड़ता है. लगता है कि ये सबकुछ किसी को टारगेट करने के लिए किया गया था.”

पवार ने अडानी मसले पर JPC की मांग को झटका देते हुए कहा था कि ये निष्पक्ष नहीं होगा क्योंकि 21 में 15 सदस्य सत्ता पक्ष के होंगे.
शरद पवार के इस बयान पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि एनसीपी का अपना कोई स्टैंड हो सकता है, लेकिन 19 विपक्षी पार्टियां ये मानती हैं कि अडानी मुद्दा गंभीर है. मैं ये भी साफ करना चाहता हूं कि एनसीपी और दूसरे विपक्षी दल हमारे साथ ही खड़े हैं, सभी साथ मिलकर लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं और बीजेपी की बंटवारे वाली राजनीति को हराना चाहते हैं.

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