राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने राज्य के राज्यपाल पद से भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे का रविवार को स्वागत किया और कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि यहां राज भवन में उनका स्थान लेने वाला नया राज्यपाल ‘भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की कठपुतली’ नहीं होगा.
राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति में रविवार को बताया गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोश्यारी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और उनकी जगह झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है. एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ‘मुझे उम्मीद है कि नए राज्यपाल पूर्ववर्ती (कोश्यारी) की तरह भाजपा की कठपुतली नहीं होंगे. हम महाराष्ट्र का राज्यपाल बदलने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं, क्योंकि महा विकास आघाड़ी की यह मांग थी.’
उन्होंने कहा, ‘पिछले राज्यपाल ने राज्य के सामाजिक आदर्शों के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने के साथ-साथ वर्तमान असंवैधानिक राज्य सरकार के शपथग्रहण समारोह का आयोजन करके अपने पद के कद को कम किया था. हम महाराष्ट्र के नए राज्यपाल की नियुक्ति की खबर का स्वागत करते हैं.’ गौरतलब है कि मौजूदा मुख्यंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास आघाड़ी सरकार गई थी. इसके बाद शिंदे-भाजपा गठबंधन ने सरकार बनाई थी.
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी कोश्यारी के इस्तीफे का स्वागत किया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र के लिए बड़ी जीत. महाराष्ट्र विरोधी राज्यपाल का इस्तीफा आखिरकार स्वीकार कर लिया गया.’
विधायक ने कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले, हमारे संविधान, विधानसभा और लोकतांत्रिक आदर्शों का लगातार अपमान करने वाले को राज्यपाल के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता.’ कोश्यारी के कुछ बयानों को लेकर हाल में विवाद छिड़ने के बाद राज्य के राजभवन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह पद से इस्तीफा देना चाहते हैं. वहीं, उन्हें हटाए जाने की मांग के समर्थन में कुछ समय पहले प्रदर्शन भी हुए थे और सत्ता पक्ष के विधायक ने भी उन्हें राज्य से बाहर भेजे जाने की मांग की थी.