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नहाय-खाय के साथ लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत, उत्तराखंड के कई गांवो और शहरों में तैयारियां जोरो-शोरो पर

28/10/2022, छठ पर्व: शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत होगी। चार दिवसीय इस महापर्व को लेकर शहर और गांवों में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। शुक्रवार को छठ व्रती महिलाएं गंगा स्नान कर कद्दू (लौकी) की सब्जी और भात ग्रहण करेंगी। इसे नहाय-खाय भी कहा जाता है।

छठ सूर्योपासना का पर्व है। सारे ब्रह्मांड का चराचर जीव भगवान सूर्य से ऊर्जा पाते हैं। पृथ्वी पर जीवन भगवान भास्कर के कारण ही संभव है। पूर्वांचल ही नहीं अब दूसरे प्रदेशों में भी जहां पूर्वांचल के लोग बसे हैं, वहां पूरे भक्ति भाव से छठ त्योहार मनाते हैं। सौभाग्य, आरोग्य, शांति, खुशहाली, पुत्र प्राप्ति की कामना के साथ छठ व्रती चार दिन तक उपासना में लीन रहते हैं।

शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ अनुष्ठान प्रारंभ
अस्ताचलगामी और उदीयमान भास्कर देव की उपासना करने वाली महिलाएं शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ अनुष्ठान प्रारंभ करेंगी।

व्रतियों के शुद्ध, सात्विक भोजन में अरवा चावल का भात और लौकी चने की सब्जी की प्रधानता है।
नहाय खाय के अगले दिन शनिवार को लोहंडा यानी खरना का अनुष्ठान होगा। इस दिन चौबीस घंटे का निराहार रहकर छठ व्रती महिलाएं साठी का चावल और गुड़ की बनी खीर और रोटी प्रसाद रूप में सूर्यदेव को अर्पित करेंगी।

रविवार को गंगा किनारे विभिन्न पकवान और मौसमी फलों के साथ अस्ताचलगामी और सोमवार को उदीयमान भास्कर देव को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महाव्रत का समापन होगा।

हरिद्वार में सभी गंगा घाटों पर होगी छठ पूजा
हरिद्वार में हरकी पैड़ी, ललतारौ पुल, प्रेम नगर आश्रम समेत सभी घाटों पर छठ पूजा की जाएगी। वहीं पूर्वांचली लोक परंपरा और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित पूर्वांचल उत्थान संस्था की ओर से भी तैयारियां पूरी कर ली गई है।

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