Friday, September 29, 2023
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गंगा दशहरा के मौके पर हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए जुटी श्रद्धालुओं की भीड़

हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार को हरि के घर का द्वार या फिर गंगा द्वार भी कहते हैं. हरिद्वार की कई पौराणिक मान्यताएं हैं. जो सदियों से चली आ रही है. यहां पर पतित पावनी और जीवनदायिनी गंगा बहती है. जो सबसे पवित्र नदियों में गिना जाता है. माना जाता है कि गंगा में स्नान करने से इंसान के पाप धुल जाते हैं और पुण्य मिलता है. यही वजह है कि खास मौकों पर गंगा स्नान के लिए लोगों की काफी भीड़ लगती है. ऐसा ही भीड़ बीती रोज गंगा दशहरे को देखने को मिला. आज भी निर्जला एकादशी के मौके पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है.

गंगा दशहरा के मौके पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही. सुबह से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी, ब्रह्मकुंड समेत अन्य घाटों पर

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा महत्व माना जाता है. गंगा दशहरा के अलावा निर्जला एकादशी में गंगा स्नान का काफी महत्व होता है. इस साल 31 मई को निर्जला एकादशी का व्रत और ध्यान पर्व मनाया जा रहा है. ऐसे में देशभर से श्रद्धालु पुण्य अर्जित करने के लिए धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे हैं. सुबह से ही हरिद्वार के हरकी पैड़ी समेत गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा हुआ है. बीती रोज यानी 30 मई को पूरे देश में गंगा दशहरा पर्व काफी उल्लास के साथ मनाया गया था. गंगा दशहरा के दिन हरिद्वार में सुबह से तमाम गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. हरकी पैड़ी समेत विभिन्न घाटों पर करीब 19 लाख 50 हजार लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई और पुण्य कमाया. माना जाता है कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था. यही वजह है कि इस दिन गंगा स्नान का काफी महत्व बढ़ जाता है. आज की बात करें तो निर्जला एकादशी के मौके पर हरिद्वार में भीड़ जुटी हुई है. माना जा रहा है कि आज भी रिकॉर्ड टूटेगा.

गंगा दशहरा के मौके पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही. सुबह से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी, ब्रह्मकुंड समेत अन्य घाटों पर

गंगा दशहरा पर 19 लाख 50 हजार श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर पुण्य कमाया. श्रद्धालुओं का कहना था कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी दुख दूर होते हैं.गंगा दशहरा के दिन स्नान-दान का खास महत्व बताया गया है. मान्याता है कि गंगा दशहरा पर मां गंगा के नाम के स्मरण मात्र से ही सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.

ऐसी भी मान्यता है कि पर्व पर सच्चे मन से उपासना करने से गंगा मैया की कृपा लोगों पर बनी रहती है. साथ ही सभी तरह के पाप भी धुल जाते हैं.कहा जाता है कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा ने धरती पर उतर कर राजा भगीरथ के पुरखों का उद्धार किया था. इसी वजह से हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड में गंगा स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है. जिसके लिए श्रद्धालु से हरिद्वार पहुंचते हैं.

निर्जला एकादशी पर भी हरिद्वार में भीड़ जुटी है. इस दिन बिना जल ग्रहण किए ही व्रत रखा जाता है, साथ ही इस दिन गंगा स्नान का बड़ा महत्व है. आज के दिन पितरों की पूजा अर्चना की जाती है. साथ ही पिंडदान समेत अन्य कर्मकांड किए जाते हैं.

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