रुद्रपुर। इसे सिस्टम की लापरवाही कहें या फिर कुछ और, जो भी हो जनपद में उन अति कुपोषित बच्चों की उपेक्षा हो रही है जिन्हें खुद अधिकारियों ने ही गोद लिया था। बता दें कि अधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र के अति कुपोषित बच्चों को पोषित करने के लिए गोद लिया जाता है जिसकी खबरें भी मीडिया में सुर्खियां भी बनती हैं। लेकिन अति कुपोषित बच्चों को पोषित करने के दावों की हकीकत और आंकड़े हैरान करते हैं।
खबरों और आंकड़ों पर नजर डालें तो गोद लेने के बाद से अब तक अतिकुपोषित नौ बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। दरअसल, उधमसिंह नगर में वर्तमान में एक लाख 95 हजार 189 बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत हैं। इनमें कुपोषित 3174 और अतिकुपोषित 233 बच्चे हैं। जिले से अति कुपोषित बच्चों को पोषित श्रेणी में लाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग तथा जिला प्रशासन की बैठक के बाद साल 2021 में अति कुपोषित बच्चों को जिला मुख्यालय सहित विकासखंडों के अधिकारियों को गोद दिया गया था। जिसकी समय-समय पर मॉनिटरिंग के साथ ही स्वास्थ्य जांच, खान-पान का ख्याल इन अधिकारियों को ही रखना था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और अधिकारी बच्चों को गोद लेकर भूल गये।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सिर्फ कागजों में गोद लेने की प्रक्रिया चलती है और अगर ऐसा नहीं है तो फिर ये उपेक्षा क्यों? उधर इस बाबत अधिकारियों का कहना है कि ट्रांसफर होने की वजह से नये अधिकारियों को बच्चों के गोद लेने की जानकारी ना होना भी बड़ा कारण रहा है।