उत्तराखंड की राजधानी दून में एक महिला में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन1 की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डालनवाला क्षेत्र के नेमी रोड स्थित महिला के घर के आसपास के घरों पर सर्वे कराया। राहत की बात ये रही कि किसी भी घर में खांसी, जुकाम, बुखार से ग्रसित कोई भी मरीज स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिला।
देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय जैन ने बताया कि महिला की जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आने से पहले भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से महिला की मॉनिटरिंग कर रहा था। महिला घर पर पूरी तरह से स्वस्थ हैं. उन्होंने बताया कि हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से सभी अस्पतालों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं कि जो भी मरीज अस्पताल में खांसी, जुकाम, बुखार का आता है, ऐसे मरीजों की कोरोना जांच कराई जाए। जिन मरीजों की यदि आरटी पीसीआर जांच पॉजिटिव पाई जाती है तो ऐसी स्थिति में उन मरीजों का सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए। इधर सीजनल इन्फ्लूएंजा को लेकर जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर सीएस रावत का कहना है कि स्वाइन फ्लू एक सीजनल इन्फ्लूएंजा वायरस का प्रकार है जो कि इन्फ्लूएंजा ए श्रेणी के तहत आता है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस संक्रमण को सीजनल इन्फ्लूएंजा की श्रेणी में रखा है। यह संक्रमण किसी भी पशु में नहीं फैलता है और यह मनुष्य से मनुष्य में फैलने वाला संक्रमण है। उन्होंने आम जनमानस से अपील की है कि भ्रामक सूचनाओं को नजरअंदाज करें. उन्होंने बताया कि यह संक्रमण एक आम वायरस जैसे खांसी, जुकाम जैसे वायरस संक्रमण की तरफ फैलता है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सामान्य सावधानी बरतते हुए इससे बचा जा सकता है।