Tuesday, March 26, 2024
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नैनीतालः उत्तराखण्ड न्यायिक एवं विधिक अकादमी भवाली में सेमिनार आयोजित! मानव तस्करी पर अंकुश से संबंधित अदालतों व विधिक प्राधिकरणों की भूमिका पर मंथन

नैनीताल। उत्तराखण्ड न्यायिक एवं विधिक अकादमी, भवाली में  “Human Trafficking, Gender Justice  & upliftment of weaker sections of society” विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एस.रविन्द्र भट की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इसके साथ ही सुधांशु धूलिया, उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड न्यायमूर्ति विपिन सांघी, मुख्य न्यायाधीश, मा. उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा, वरिष्ठ न्यायाधीश मा. उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, मा. उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड आलोक वर्मा, उत्तराखण्ड न्यायमूर्ति आर. सी. खुल्बे, रजिस्ट्रार जनरल विवेक भारती शर्मा, पूर्व जस्टिस यूसी ध्यानी, डीडीपी आशोक कुमार ने उजाला के प्रेक्षागृह में संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्जलित कर सेमीनार का शुभारम्भ किया। न्यायमूर्ति एस.रविन्द्र भट ने कहा कि न्यायाधीश लीगल सर्विसेज वाले मामलों को छोटा कर, जेल में निरूद्व लोगों के मामलों, ऐसे जेल में निरूद्व व्यक्तियों जिनकी जमानत हेतु कोई आगे नहीं आता की उच्चतर स्तर में स्थगित मामलों को वरीयता देकर सुनें।

 सेमीनार में  मानव तस्करी लैंगिक न्याय मानव तस्करी पर अंकुश से संबंधित अदालतों व विधिक प्राधिकरणों की भूमिका पर गहनता से चर्चा वं परिचर्चा की गई। मानव तस्करी के साथ ही लैंगिक असमानता देश में बड़ी समस्याओं पर गहनता से चर्चा एवं परिचर्चा की गई। जिसमें बताया गया कि मानव तस्करी व लैंगिक असमानता पर अंकुश के लिए देश में तमाम कानून बने हैं, लेकिन समाज के कमजोर तबकों तक इन कानूनों को लेकर जागरूकता में कमी है। जिसके लिए आम लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इसके अलावा यौन तस्करी से संबंधित मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं। इस वजह से अदालतों पर भी मुकदमों का बोझ बढ़ रहा है जिससे पुलिस व जांच एजेंसियों पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। सेमीनार में अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ की विषय विषेज्ञय डा0 प्रीति सक्सेना संविधान प्रदत्त समता के मूल अधिकारों को रेखाकित किया गया है तथा समाज के कमजोर वर्गो जैसे महिला, बच्चे, गरीब, शारीरिक रूप से कमजोर लोगों के लिए न्याय तक पहूॅच एक भ्रम है। उन्होने बताया कि विधिक सेवा प्रधिकरण आगे आकर न्याय तक पहुॅचे ताकि समता का अधिकार तथा कमजोर वर्गो की मजबूती बन सके। इस अवसर पर उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नितिन शर्मा, निदेशक, उजाला, कमाण्डर अशोक कुमार, आईजेएम बैगलोर, रविकान्त, शक्तिवाहिनी दिल्ली, धनंजय टिंगल, निदेशक बीबीए, डीआईजी पुलिए आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, उधमसिंह नगर जिलाधिकारी युगल किशोर पंत एसएसपी पंकज भट्ट के साथ ही एनजीओ, अधिवक्तागण, विभिन्न विभागों के अधिकारी, संसाधन व्यक्ति आदि उपस्थित थे।

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