Saturday, April 20, 2024
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जेलों में बंद बदमाश नही चला पाएंगे नेटवर्क, उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने तैयार किया प्लान

देहरादून: लूट, हत्या, डकैती व फिरौती जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त टाप-50 कुख्यात बदमाशों की लिस्ट उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने तैयार कर ली है। एसटीएफ की ओर से टाप-5 में सुनील राठी गैंग, प्रवीण वाल्मीकि, चीनू पंडित, कलीम और संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा गैंग को रखा है। एसटीएफ ने इनकी निगरानी भी बढ़ा दी है।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने उत्तराखंड के टाप-50 कुख्यात बदमाशों की लिस्ट तैयार करने के निर्देश जारी किए थे। एसटीएफ ने सभी जिलों को कुख्यात बदमाशों की लिस्ट भेजने को कहा। इनमें से जो कुख्यात सबसे खतरनाक हैं और जिनके खिलाफ गंभीर अपराध में मुकदमे दर्ज हैं, उन्हें टाप-50 में रखा गया है। जिन बदमाशों को टाप-50 में रखा है उनकी निगरानी के लिए एसटीएफ ने टीमें भी गठित कर दी हैं।

सूत्रों की मानें तो सुनील राठी गैंग, प्रवीण वाल्मीकि, चीनू पंडित, कलीम और संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा गैंग इस समय प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद हैं, लेकिन इनके गुर्गे अब भी कई धंधों में लगे हुए हैं।

बदमाश अपने गुर्गों के माध्यम से अवैध कब्जे, रंगदारी व अवैध वसूली का खेल चल रहा है। इन सब पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए गुर्गों की हर कार्यप्रणाली पर नजर रखी जाएगी। बताया जा रहा है कि बदमाशों के संपर्क में उनके गुर्गों के अलावा कई सफेदपोश भी हैं, जोकि अपराधिक गतिविधियों में उनका इस्तेमाल करते हैं। अब ऐसे सफेदपोशों का भी पता लगाया जाएगा।

जेलों में बैठकर नेटवर्क चलाते हैं बदमाश
जेलों में बंद बदमाश जेलों में बैठकर भी अपने नेटवर्क चलाते आ रहे हैं। बदमाशों की ओर से समय-समय पर जेलों में बैठकर फिरौती मांगने व जान से मारने की धमकी देने के मामले सामने आए हैं। जिसके कारण उन्हें समय-समय पर अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया जाता रहा है। एक ही जेल में अधिक समय व्यतीत करने पर वह अपना नया गैंग तैयार कर लेते हैं।

उत्तराखंड के टाप-50 कुख्यात बदमाशों की लिस्ट तैयार कर ली गई है। अब इन बदमाशों की निगरानी बढ़ा दी गई है। निगरानी के लिए ड्यूटियां लगाई गई हैं। बदमाशों के साथ जुड़े उनके गुर्गों व सफेदपोशों का पता लगाया जाएगा। इनमें से कुछ बदमाश जेलों में बंद हैं, उनकी गतिविधियां भी देखी जा रही हैं।

  • आयुष अग्रवाल, एसएसपी एसटीएफ, उत्तराखंड

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