सोशल मीडिया ने एक बार फिर बिछड़ों को अपनों से मिलाने में अहम भूमिका निभाई है। दरअसल, एक दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे महाराष्ट्र निवासी हितेश दादा बनसोड ने पोस्ट किया था। वीडियो में बनसोड़ ने बताया था कि उत्तराखण्ड निवासी बुजुर्ग परिजनों से बिछड़ गए हैं। वीडियो वायरल होने के कुछ घंटों बाद ही बुजुर्ग के परिजनों को इसकी जानकारी मिली, जिसके बाद आज 30 जनवरी को बुजुर्ग के परिजन उन्हें अपने साथ ले गए।
बता दें कि बीते दिवस 29 जनवरी को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वीडियो बनाने वाले महाराष्ट्र निवासी हितेश दादा बनसोड ने बताया था कि उत्तराखण्ड के बागेश्वर निवासी बुजुर्ग अपने परिजनों से बिछड़ गए हैं। इस वीडियो को उत्तराखण्ड के ही रुद्रपुर निवासी युवा समाजसेवी मनीष कक्कड़ ने कई गु्रप में पोस्ट किया था और बुजुर्ग की मदद के लिए लोगों से अपील की थी। चूंकि बुजुर्ग की पहचान बागेश्वर निवासी के रूप में बताई जा रही थी तो बागेश्वर पुलिस ने भी इसका संज्ञान लिया और वीडियो बनाने वाले हितेश दादा बनसोड़ से बात की।
हितेश दादा बनसोड़ के अनुसार वीडियो वायरल होने के कुछ घंटों बाद यानी आज 30 जनवरी को ही बुजुर्ग के परिजन उनसे मिले और उन्हें अपने साथ ले गए। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग का नाम प्रकाश कोरंगा है वह 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन परिजनों से बिछड़ गए थे और भटक रहे थे। उन्होंने बताया कि जब उन्हें बुजुर्ग मिले तो वह उन्हें अपने साथ घर ले गए और उनके बारे में जानकारी एकत्र की। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के सहयोग से उन्होंने बुजुर्ग के परिजनों तक अपनी आवाज पहुंचाई और आज वह अपने परिजनों से मिल पाए। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग प्रकाश कोरंगा का बेटा महाराष्ट्र में ही मिलिट्री कैंप में कैंटीन चलाता है।
हितेश दादा बनसोड़ ने बताया कि वह ‘हित ज्योति आधार फाउण्डेशन’ चलाते हैं और बेसहारा लोगों की मदद करते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी टीम अबतक उन 500 लोगों को उनके घर पहुंचा चुकी है जो किसी वजह से अपनों से बिछड़ गए थे। यही नहीं वह सड़कों पर भटकने वाले लोगों की भी मदद करते हैं। बनसोड़ ने बुजुर्ग प्रकाश कोरंगा के वीडियो को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए रुद्रपुर निवासी मनीष कक्कड़ और सभी लोगों का आभार जताया।