Friday, March 31, 2023
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आईटीपी के जवानों से मिले केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

उत्तरकाशी: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिवसीय दौरे पर सीमांत जनपद उत्तरकाशी पहुंचे हैं. इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया हर्षिल घाटी के धराली गांव में वाइब्रेंट विलेज योजना के साथ-साथ विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे और ग्रामीणों से मुलाकात कर इन योजनाओं का फीडबैक भी लिया. इससे पहले उन्होंने धराली में आईटीपी के जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया धराली गांव में रात्रि विश्राम भी करेंगे.

हर्षिल घाटी पहुंचने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘हर्षिल घाटी का नाम दो पर्वत चोटियों से लिया गया है, जो एक जानवर के सींग की तरह दिखती हैं’. उत्तरकाशी में केंद्रीय मंत्री केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज योजना को लेकर ग्रामीणों की सरकार से अपेक्षाओं के बारे में भी जानकारी लेंगे. इसके साथ ही गांव में मौजूद मूलभूत सुविधाओं की भी समीक्षा भी करेंगे.

इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कल्पकेदार एवं गंगा मैया की पूजा अर्चना कर मां गंगा एवं भगवान कल्पकेदार का आशीर्वाद लिया. इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण, उद्योग, वन, कृषि, उद्यान, आजीविका, जल संस्थान आदि विभागों द्वारा लगाए गए विभागीय स्टालों का अवलोकन किया और भारत सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय योजनाओं उज्ज्वला गैस योजना, हर घर नल योजना, पेंशन योजना समेत अन्य योजनाओं से लाभान्वित लाभार्थियों एवं ग्रामीणों के साथ चर्चा की.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड स्वर्ग जैसा राज्य माना जाता है. यहां मां गंगा का उद्गम स्थल के साथ ही पर्यावरण के चारों ओर हरियाली, हिमालय शिखर विराजमान है. यहां जैसी शुद्ध हवा देश के किसी कोने में देखने को नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार का भी उत्तराखंड से पुराना रिश्ता रहा है. उन्होंने वर्ष 1803 का जिक्र करते हुए उत्तराखंड से सिंधिया परिवार का नाता रहने की बात कही. उन्होंने कहा कि वाइब्रेट विलेज योजना के जरिए पीएम मोदी ने देश की आजादी के बाद सीमावर्ती गांवों को मान, सम्मान और पहचान दी है.

उन्होंने कहा कि लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के सभी सीमावर्ती गांव की पहचान कर इस योजना में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारत सरकार के एक-एक मंत्रियों को इन गांवों में भेजा जा रहा है. ताकि असली विकास की प्रगति की समीक्षा कर ग्रामीणों के साथ मिलकर उनकी आशाओं, अभिलाषाओं और आकांक्षाओं को सुनकर उन पर क्रियान्वयन कर सकें.

केंद्रीय मंत्री ने स्वयं सहायता समूह धराली गांव की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारी मातृ शक्ति ने उत्कृष्ट उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग की है. अलग-अलग तरीके से विभिन्न उत्पाद बनाएं जा रहे हैं और अपनी आजीविका को मजबूत करने का काम किया है.

मोदी सरकार अपनी वाइब्रेंट विलेज योजना के जरिए चीन सीमा से सटे गांवों का कायाकल्प कर रही है. इसी क्रम में उत्तराखंड में चीन बॉर्डर से लगे चार गांवों को इस योजना के तहत चयनित किया गया है. इसके लिए मोदी सरकार ने 4800 करोड़ रुपए के बजट का भी प्रावधान किया है. इसमें से करीब 2500 करोड़ रुपए का बजट केवल सड़कों के विकास पर ही खर्च करना प्रस्तावित है. ऐसे में चीन सीमा से सटे सीमांत गांव के लोगों को विकास की उम्मीद जगी है. वाइब्रेंट योजना लागू होने से इन गांवों को विकास की दृष्टि से आगे आने का मौका मिलेगा. इसके साथ ही उत्तराखंड के बॉर्डर पर स्थित देश के पहले गांवों में बुनियादी सुविधाओं का भी विस्तार होगा.

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