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विश्व तंबाकू निषेध दिवसः उत्तराखंड में 4 फीसदी लोगों कम किया तंबाकू का सेवन: धन सिंह रावत

देहरादून (उत्तराखंड): तंबाकू के सेवन से हर साल लाखों लोगों की जान चली जाती है. इसके बावजूद भी लोग तंबाकू की लत नहीं छोड़ पा रहे हैं. यही वजह है कि हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है. ताकि विश्व स्तर पर लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाली घातक बीमारियों से रूबरू कराया जा सके और लोग तंबाकू का सेवन बंद कर दें. दरअसल, तंबाकू सेहत के लिए कितना नुकसानदायक है, ये जानते हुए भी देश में काफी संख्या में लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. जिसके चलते कैंसर जैसी घातक बीमारी का शिकार हो जाते हैं. दुनिया में बढ़ते तंबाकू के सेवन और इससे होने वाले घातक बीमारियों को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने साल 1987 में तंबाकू के इस्तेमाल को नियंत्रित करने के लिए संकल्प लिया था.

साल 1988 में मनाया गया पहला विश्व तंबाकू निषेध दिवसः सबसे पहले 31 मई 1988 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया गया. उस दौरान इस दिवस को मनाने के लिए ‘तंबाकू या स्वास्थ्य: स्वास्थ्य चुनें’ थीम को रखा गया था. इस थीम के जरिए लोगों को तंबाकू के इस्तेमाल से बचने और इससे होने वाले नुकसान की जानकारियां दी गई.इस साल 2023 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाने के लिए वी नीड फूड नॉट तंबाकू (We Need Food Not Tobacco) की थीम रखी गयी है. इस साल मुख्य रूप से किसानों को जागरूक करने के लिए इस थीम को रखा गया है.ताकि किसान तंबाकू का उत्पादन न कर अन्य पोषण फसलों का उत्पादन करें. जिससे तंबाकू उत्पादन में कमी आए. इतना ही नहीं इस थीम के जरिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने देशों की सरकारों से इस बात की भी अपील की है कि सरकारे तंबाकू उत्पादन पर लगाम लगाएं.

भारत में 26 करोड़ लोग करते हैं तंबाकू का सेवनः भारत की बात करें तो करीब 26 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया 2016-17 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 267 मिलियन वयस्क तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं. बीते 6 सालों में यह आंकड़ा बढ़कर 35 करोड़ से भी ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है.भारत में तंबाकू आम रूप से गुटखा, सुपारी, खैनी और जर्दा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही देश में तंबाकू का इस्तेमाल सबसे ज्यादा स्मोकिंग यानी सिगरेट के रूप में किया जा रहा है, जिसमें हुक्का, बीड़ी और सिगरेट शामिल हैं.

दुनियाभर में सालाना करीब 80 लाख लोग गंवाते हैं जानः विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल करीब 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से होने वाली गंभीर बीमारियों से ग्रसित होकर अपनी जान गंवा देते हैं. तंबाकू के सेवन से न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बल्कि सेहत पर भी ये नकारात्मक असर डालता है.

तंबाकू से होती कैंसर जैसी गंभीर बीमारीः इसके साथ ही बीड़ी, सिगरेट और गुटखा के सेवन से कई तरह की गंभीर बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है. जिसमें मुख्य रूप से मुंह का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, लिवर कैंसर, हृदय रोग समेत अन्य बीमारियां घर कर लेती हैं.दरअसल, तंबाकू या सिगरेट की लत जब लग जाती है तो उसके बाद इसे छोड़ना काफी मुश्किल होता है, लेकिन नामुमकिन नहीं है. जब तंबाकू का सेवन बंद करते हैं तो शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. जिसमें मुख्य रूप से नींद न आना, घबराहट होना, चिड़चिड़ापन होना आदि शामिल हैं.

इसके अलावा काम में मन न लगना, हार्ट बीट का बढ़ना, गुस्सा आना, भूख न लगना समेत अन्य लक्षण महसूस होते हैं. लेकिन अगर तंबाकू छोड़ने में कामयाब हो जाते हैं तो तंबाकू सेवन से होने वाली तमाम गंभीर बीमारियों से न सिर्फ बचा जा सकता है, बल्कि शरीर में कुछ सकारात्मक बदलाव भी देखने को मिलते हैं.

तंबाकू छोड़ने पर होते हैं ये फायदेः तंबाकू का सेवन छोड़ने के बाद ही शरीर में बदलाव होना शुरू हो जाता है. जिसमें मुख्य रूप से देखें तो ब्लड प्रेशर नार्मल होना, शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा कम होना, सांस लेने की क्षमता का बेहतर होना, लंग्स फंक्शन और हार्ट फंक्शन का बेहतर होना, हार्ट अटैक के रिस्क का कम होना आदि शामिल हैं.वहीं, मुंह और लंग्स कैंसर की संभावना काफी हद तक कम हो जाना जैसे फायदे सिगरेट या तंबाकू का सेवन छोड़ने के बाद मिलते हैं. लिहाजा, हर साल राज्य और केंद्र सरकार वृहद स्तर पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाती हैं. ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके.

उत्तराखंड में 4% लोगों ने कम किया तंबाकू का सेवनः सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड में 4 फीसदी लोगों ने बीड़ी, सिगरेट और गुटखा का सेवन कम कर दिया है. लगातार तंबाकू को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. करीब 7 हजार स्कूलों को तंबाकू मुक्त किया जा चुका है. आज से दो महीने का अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा. जिसमें 10 लाख लोगों को तंबाकू छुड़ाने की शपथ दिलाई जाएगी.

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