सुभाषचंद्र बोस वो नाम जिसे याद कर के खून में उबाल आना लाज़मी है. सम्पन्न परिवार से होने के बाद भी देश की आज़ादी के लिए खुद को न्योछावर करने का साहस और आजाद हिन्द फ़ौज की सेना बनाना नेताजी की काबलियत को दर्शाता है. यही कारण है कि उन्होंने अपने विचारों से देश के करोड़ों लोग हमेशा प्रेरित हुए हैं. जीवन में सफलता और असफलताओं पर बात करते हुए एक बार उन्होंने कहा था- ‘सफलता, हमेशा असफलता के स्तम्भ पर खड़ी होती है.’
यही कारण है कि देश के महान और वीर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती को पूरे देश ने पराक्रम दिवस के रूप में मनाई । 23 जनवरी को जन्मे नेताजी ने भारत की आजादी में अपना अहम योगदान दिया था। अपने इसी योगदान के लिए यह आज भी पूरे देश में याद किए जाते हैं। साल 1897 में आज ही के दिन उड़ीसा के कटक में एक बंगाली परिवार में नेताजी का जन्म हुआ था। बचपन से ही तेज बुद्धि के धनी नेताजी ने न सिर्फ क्रैंब्रिज यूनिवर्सिटी से सिविल परीक्षा पास की थी, बल्कि वह इंग्लैंड में प्रशासनिक सेवा की प्रतिष्ठित नौकरी भी कर रहे थे। लेकिन इस दौरान भारत में अंग्रेजों द्वारा हो रहे अत्याचारों से दुखी होकर वह अपनी नौकरी छोड़कर देश की आजादी की मुहिम में लग गए थे।
नेताजी जिस काम को करने की ठान लेते थे, उसे किसी भी कीमत पर करते थे. किसी भी चीज को हासिल करने के लिए उसे पाने की सनक पर नेता जी ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा था- ‘जिस व्यक्ति के अंदर ‘सनक’ नहीं होती वो कभी महान नहीं बन सकता.’
CM योगी ने किया नमन
सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा-माँ भारती के अमर सपूत, ‘नेताजी’ सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। आपकी राष्ट्र आराधना हम सभी के लिए पावन पाथेय है। सभी प्रदेश वासियों को ‘पराक्रम दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं।
आइये स्मरण करें नेताजी के महत्वपूर्ण वाक्य
”तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा”
याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है.
‘मुझे यह नहीं मालूम कि स्वतंत्रता के इस युद्ध में हम में से कौन -कौन जीवित बचेंगे, परंतु मैं यह जानता हूं कि अंत में विजय हमारी ही होगी”
”जो अपनी ताकत पर भरोसा करते हैं, वो आगे बढ़ते हैं और उधार की ताकत वाले घायल हो जाते हैं.”
‘आपको यदि अस्थाई रूप से झुकना पड़े तब भी वीरों की तरह ही झुकें.’
”जिस व्यक्ति के अंदर ‘सनक’ नहीं होती वो कभी महान नहीं बन सकता. लेकिन उसके अंदर, इसके आलावा भी कुछ और होना चाहिए.”
‘राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्श सत्य, शिव और सुन्दर से प्रेरित है.’
भारत पुकार रहा है, रक्त रक्त को पुकार रहा है. उठो, हमारे पास व्यर्थ के लिए समय नहीं है. अपने हथियार उठा लो, हम अपने दुश्मनों के माध्यम से ही अपना मार्ग बना लेंगे या अगर भगवान की इच्छा रही, तो हम एक शहीद की मौत मरेंगे.
आजादी दी नहीं जाती, ली जाती है