नई दिल्ली। भले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन दिल्ली के बॉर्डरों पर किसानों का संघर्ष अभी भी जारी है और आशंका जताई जा रही है कि यह संघर्ष आगे भी जारी रह सकता है। आगे की रणनीति के लिए आज किसान संगठनों ने बैठक बुलाई थी, जो किन्हीं कारणों के चलते स्थगित हो गयी। सूत्रों की मानें तो अब आगामी 22 नवम्बर को यह बैठक होगी। बैठक के बाद ही किसान आगे की रणनीति के बारे में जानकारी देंगे। मीटिंग में यह फैसला लिया जाना है कि वह संघर्ष को किस ढंग से चलाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से दी गई संसद तक ट्रैक्टर मार्च की कॉल पर भी विचार किया जाना है। क्या यह ट्रैक्टर मार्च किया जाना है या फिर इसे टाला जाएगा। क्योंकि इस पर अभी भी अलग-अलग यूनियन की अपनी राय है। सरकार के समक्ष अपना पक्ष किस ढंग से रखना है और MSP को बिल के तौर लाने और बिजली शोध बिल को समाप्त करने की मांग पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान किया गया है, मगर किसानों का कहना है कि इसके साथ उनकी दो और मांगें थीं, जिसमें MSP को कानून के रूप में लेकर आना और बिजली संशोधन एक्ट को रद्द करना। जब तक उनकी यह दोनों मांगें नहीं मानी जाएगी, वे तब तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे। किसान नेताओं ने तो यहां तक कहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री पर यकीन नहीं है, इसलिए जब तक संसद में यह बिल रद्द नहीं कर दिए जाते, तब तक वह दिल्ली के बॉर्डरों से हटेंगे नहीं।