Saturday, July 27, 2024
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तो क्या चंद पैसो की खातिर ताक पर रख देंगे देश की सुरक्षा? पासपोर्ट ऑफिस का घूसकांड! सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो

नैनीताल: भारत में पासपोर्ट बनवाना आज भी चुनौतीपूर्ण काम है। इसके लिए डॉक्युमेंट्स वेरिफ‍िकेशन के नाम पर आम जनता से पैसे लेने का काम खूब हो रहा है। कभी डॉक्युमेंट्स में कमियां निकालकर पासपोर्ट ऑफिस के चक्कर लगवाना, तो कभी फोटो वेरिफिकेशन के नाम पर ऑफिस में घंटों इंतजार करवाना ये आम बात हो गयी है। पासपोर्ट वेरिफिकेशन के दौरान अपनाए जाने वाले ये वो तरीके हैं, जिनके जरिए सत्यापन अधिकारी सहित पासपोर्ट ऑफिस में कार्यरत कर्मचारी अपनी जेबें गरम करते है। ऐसा ही एक मामला नैनीताल के पासपोर्ट ऑफिस से सामने आया है जहां रामनगर से आये दसवीं पास छात्र से 1 हज़ार रुपये बतौर घूस ली गयी। छात्र ने पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन 11 मार्च 2023 को किया था, जिसमें 1500 रुपए ऑन लाईन फीस भी जमा की गयी थी । जिसके बाद छात्र को सभी दस्तावेजों के साथ नैनीताल पासपोर्ट ऑफिस बुलाया गया । छात्र की हाईस्कूल की मार्कशीट में पिता का नाम हल्का सा मिट गया था बस यही कमी बताकर पासपोर्ट ऑफिस में कार्यरत सत्यापन अधिकारी गणेश कुमार और गणेश टम्टा ने छात्र से एक हज़ार रुपये की मांग की। छात्र से कहा कि यदि वो कुछ खर्च करेंगे तो उनको फ़ाइल पास करने के लिए देहरादून के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे । छात्र के पास केवल 500 रुपये थे उसने फ़ाइल के बीच मे उतने ही रुपये रख दिये लेकिन सत्यापन अधिकारी गणेश कुमार ने 500 लेने से मना कर दिया और पूरे हज़ार रुपये मांगे।

जिसके बाद छात्र को पासपोर्ट ऑफिस में कार्यरत गणेश टम्टा ने 500 रुपये छात्र को ये कहते हुए उधार दिये कि घर जाकर 500 रुपए गूगल पे के माध्यम से मुझे वापस कर देना और इस तरह 1000 रुपए की रिश्वत पूरी करने हुए छात्र ने सत्यापन अधिकारी गणेश कुमार को दिए।


जिसके बाद रामनगर निवासी छात्र आकाश डांगी ने इस बात को नजदीकी दुकानदार को बताया जहां से बाद आवाज़ इंडिया की संपादक कंचन वर्मा से संपर्क किया गया और कंचन वर्मा छात्र के साथ पासपोर्ट ऑफिस पहुंची। और वहां उन्होंने भ्रष्ट सत्यापन अधिकारियों से छात्र से ली गयी रिश्वत के पैसे वापस करवाये और यह पूरा प्रकरण विडियो में भी रिकार्ड किया ।

पासपोर्ट कार्यालय में रिश्वत लेकर दस्तावेज़ को सही बता देना या फिर रिश्वत की चाहत में बेवजह आवेदकों के दस्तावेजों में कमी निकाल देना स्पष्ट रूप से बताता है कि सरकारी तंत्र में आज भी बिना रिश्वत दिये काम नहीं हो पाता और पासपोर्ट कार्यालय में जहां देश की सुरक्षा का मामला भी जुड़ा रहता है। ऐसे में सत्यापन अधिकारी का भ्रष्ट होना देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरनाक हो सकता है ।

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