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पंतनगर विश्वविद्यालय के उप नियंत्रक पर बड़ी कार्रवाई, फर्जी जाति और स्थायी निवास प्रमाण पत्र मामले में तत्काल प्रभाव से किया बर्खास्त

पंतनगर। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के उप नियंत्रक सत्यप्रकाश कुरील पर फर्जी जाति और स्थायी निवास प्रमाण पत्र मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। इस मामले में मुख्य कार्मिक अधिकारी कार्यालय द्वारा कहा गया है कि तहसीलदार किच्छा के कार्यालय आदेश संख्या-637/टंकंड/2018 (प्रमाण पत्र निरस्त) दिनांक 16/02/2018 के क्रम में उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्णय दिनांक 1/05/2023 द्वारा रिट याचिका सं0 WPMS 544/2018 के खारिज होने के दृष्टिगत सत्य प्रकाश कुरील, उप वित्त नियंत्रक को विश्वविद्यालय की सेवाओं में बने रहने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। कहा गया कि सत्य प्रकाश कुरील द्वारा गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर विश्वविद्यालय को भ्रमित करते हुए सेवा प्राप्त की गयी है, जिसके आधार पर इनकी स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया जाना आवश्यक है। साथ ही कहा गया कि विश्वविद्यालय नियम/परिनियमों के अनुसार गैर शैक्षणिक कार्मिकों के नियुक्ति अधिकारी कुलपति हैं तथा कार्मिक को विश्वविद्यालय संवाओं से बर्खास्त करने एवं दण्ड देने हेतु कुलपति सक्षम अधिकारी हैं। कहा गया कि उक्त सत्य प्रकाश कुरील को विवि की सेवाओं से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाता है। साथ ही विवि सुरक्षाधिकारी द्वारा सत्य प्रकाश कुरील के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जायेगा।

बता दें कि इससे पहले भी जांच में फर्जी प्रमाणपत्र पाए जाने पर कनिष्ठ शोध अधिकारी को वर्ष 2019 में बर्खास्त किया जा चुका है। दिसंबर 2017 में विवि के कुछ कर्मचारियों ने कुरील के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कुलाधिपति, कुलपति और निदेशक प्रशासन को शिकायती पत्र भेजकर जाति और निवास प्रमाणपत्र फर्जी बताते हुए उनकी नियुक्ति निरस्त करने की मांग की थी। शासन के निर्देश पर हुई जांच में प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर एसडीएम ने उन्हें निरस्त कर दिया। इसके विरोध में कुरील ने न्यायालय की शरण ली और शासन के सचिव सोशल वेलफेयर के साथ ही किच्छा एसडीएम, तहसीलदार और पंत विवि को पार्टी बनाकर न्यायालय से स्टे हासिल कर लिया। करीब पांच वर्ष तक न्यायालय में मामला चलने के बाद सोमवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट में जस्टिस मनोज कुमार तिवारी की बेंच ने स्टे खारिज कर केस का निस्तारण कर दिया। इसके बाद से कुरील पर बर्खास्तगी या प्रमाणपत्रों के आधार पर मिले लाभ की रिकवरी की कार्रवाई का खतरा मंडल रहा है।

शिकायतकर्ताओं के अनुसार कुरील ने नियुक्ति के दौरान तहसीलदार हुजूर जिला भोपाल (एमपी) की ओर से जारी जाति और निवास प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था। इसमें स्पष्ट है कि जारी प्रमाणपत्र छात्रवृत्ति और राज्य प्रशासन की नौकरियां तक ही मान्य होगा। वर्तमान में पंत विवि उत्तराखंड में है और पूर्व में यूपी में होता था। चरित्र सत्यापन में कुरील ने प्रमाणपत्र लगाकर अपना स्थायी पता ग्राम दुल्लीखेड़ा नगला गुरबख्शगंज रायबरेली (यूपी) अंकित किया। किच्छा एसडीएम ने दो मार्च 2005 को तहसीलदार की आख्या पर जारी जाति और स्थायी प्रमाणपत्र में उन्हें 18-फील्ड हॉस्टल फूलबाग पंतनगर किच्छा का स्थायी निवासी दर्शाया है। पंत विवि में उनकी नियुक्ति 1998 में हुई और स्थायी निवास प्रमाणपत्र 2005 में जारी कर दिया गया।

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