Saturday, July 27, 2024
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नांदेड़ के बाद नागपुर के अस्पताल में मौत का नाच

Maharashtra: महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों पर आखिर चल क्या रहा है ? अब नागपुर के GMCH में 14 और IGGMCH में नौ मरीजों की गई जान ।


क्या महाराष्ट्र के अस्पतालों में लटक रही है मौत की तलवारें २४घण्टो के अंदर मौत का आंकड़ा इतना ज्यादा की लोग हैरान परेशासन हो रहे हैं। अस्पताल के अधिकारी ने बताया कि नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में बुधवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे के अंदर करीब 14 लोगों की मौत हुई है। वहीं, दूसरे अस्पताल में नौ मरीजों की जान गई।


महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों पर जैसे आफत सी आ गई है। एक के बाद एक अस्पताल में एक साथ कई मरीजों की जान जानें की खबर सामने आ रही है। पहले नांदेड़ फिर छत्रपति संभाजीनगर और अब नागपुर के दो सरकारी अस्पताल में 24 घंटे के भीतर बड़ी संख्या में मरीजों की जान गई है।


इन अस्पतालों में मौतों की संख्या
अधिकारियों के अनुसार, मराठवाड़ा के ही नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 30 सितंबर से एक अक्तूबर के बीच 24 घंटे में 24 मौतें हुई थीं, जबकि एक से दो अक्तूबर के बीच सात और लोगों की जान गई थी। इससे मरने वालों की कुल संख्या 31 हो गई थी। वहीं, छत्रपति संभाजीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में मंगलवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे के भीतर कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई थी।

नागपुर के जीएमसीएच में 14 मरीजों की मौत


अस्पताल के अधिकारी ने बताया कि नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में बुधवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे के अंदर करीब 14 लोगों की मौत हुई है। जीएमसीएच के डीन डॉक्टर राज गजभिए ने कहा कि अस्पताल में 1,900 बेड हैं। यहां रोजाना औसतन 10 से 12 मरीजों की मौत की खबर आती है। उन्होंने कहा कि यहां उन मरीजों की ज्यादा जान जाती है, जो ऐन मौके पर रेफर होकर आते हैं और उनकी हालत बहुत ज्यादा गंभीर होती है। उन्होंने कहा कि यहां पूरे देश के लोग इलाज कराने के लिए आते हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि शहर के इंदिरा गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने 24 घंटे में नौ मौतों की सूचना दी है। यहां भी मरने वाले अधिकतर मरीज वह थे, जिन्हें गंभीर हालत में लाया गया था। इनमें वे मरीज भी शामिल थे जिन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत थी।
अधिकारी ने बताया कि इस अस्पताल की क्षमता 800 बिस्तरों की है और यहां रोजाना छह मरीजों की जान जाती है। अस्पताल में दवाओं और अन्य सुविधाओं का पर्याप्त भंडार

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