केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने 04 सितंबर 2023 को रसायन और स्थिरता पर दूसरे बर्लिन फोरम – प्रदूषण मुक्त पृथ्वी की दिशा में हरित अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के लाभ के अंतर्गत बुलाए गए ‘मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर उच्चस्तरीय संवाद’ में भाग लिया।यह कार्यक्रम इस मुद्दे पर एक आम समझ बनाने और रसायनों और कचरे के ठोस प्रबंधन के संबंध में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और प्राथमिकताओं पर उच्च स्तरीय राजनीतिक मार्गदर्शन और गति प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य रसायन प्रबंधन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीसीएम5) की आगामी 5वीं बैठक के दौरान ‘एसएआईसीएम बियॉन्ड 2020’ के लिए समर्थन जुटाना और उच्च स्तर की महत्वाकांक्षा सुनिश्चित करना भी है।
कार्यक्रम में यादव ने विशेष रूप से भारत में रासायनिक विनिर्माण क्षेत्र के महत्व और अनेक देशों के सामने आने वाली विस्तार बाधाओं के प्रतिकूल प्रभावों के संभावित परिणामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बहुपक्षीय पर्यावरण समझौतों के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किए गए योगदान पर प्रकाश डाला। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अपने घरेलू नियमों को इस तरह से जोड़ने में आगे रहा है कि विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व ढांचे को कचरा प्रबंधन साधन के रूप में लागू किया गया है।
यादव ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, ‘मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा’ को मूल में रखते हुए स्थायी और संतुलित विकास प्राप्त करने के लिए उपाय किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि रासायनिक क्षेत्र की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यावसायिक उपयोग से पहले नियामक और नवोन्मेष की चुनौतियों का समाधान करने और रसायनों के पंजीकरण, प्राधिकरण, खतरों के वर्गीकरण और लेबलिंग के लिए एक तंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है