गंगा नदी, भारत की एक प्रमुख नदी है जो भारतीय सभ्यता और धर्म के लिए महत्वपूर्ण है। इसका उल्लेख भगवद गीता और रामायण जैसे प्रमुख धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है। हालांकि, आजकल गंगा नदी का प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है

गंगा नदी का प्रदूषण कई कारणों से हो रहा है। उदाहरण के लिए, जल संचालन के कारण उपनदियों से आने वाले निकटस्थ शहरों और गाँवों के अपशिष्ट, औद्योगिक निकास, और जलयानों का निकास गंगा में होता है। इसके अलावा, गंगा के तटों पर स्थित उद्योग इसे और अधिक प्रदूषित कर रहे हैं।
इस प्रदूषण के परिणामस्वरूप, गंगा नदी का जल गंभीरता से प्रदूषित हो गया है। यह निर्जीव और जीवों के लिए हानिकारक बैक्टीरिया, कीटाणु, और अन्य जीवाणुओं से भरपूर है, जिससे लोगों को बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार ने कई प्रयास किए हैं गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए, जैसे कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट, जिसके तहत सफाई अभियानों को शुरू किया गया है। हालांकि कुछ सफलता प्राप्त हुई है, लेकिन इस समस्या का सम्पूर्ण निर्मूलन अभी भी मुश्किल है।
गंगा नदी का प्रदूषण से निर्मूलन के लिए सामुदायिक सहयोग और जागरूकता भी महत्वपूर्ण हैं। सभी नागरिकों को इस समस्या के समाधान में योगदान करने का योग्य बनना होगा, ताकि हम गंगा नदी को निर्मुलन की दिशा में एक स्वच्छ और स्वस्थ नदी बना सकें।